बलिया(यूपी) जनपद के समस्त क्षेत्रों मे शरीर को फूंक देने वाली भीषण गर्मी के कारण लोगों का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। इस वर्ष सूर्यदेव शायद नाराज़ हैं।वातावरण में अत्यधिक तापमान हो जाने के कारण, लोगों का दिनचर्या ठप हो जाने की ख़बर जनपद के प्रत्येक क्षेत्र से आ रही है।
सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक कड़ाके की धूप और अंगारा भरे लू के कारण लोगों के कार्य काज बाधित हो रहें है। बलिया के जिला अस्पताल बाल रोग विशेषज्ञ-डॉ०ए के उपाध्याय ने बताया कि त्वचा जला देने वाली भीषण गर्मी को देखते हुए,लोगों को चेतावनी दी जा रहीं है कि वे व्यर्थ मे अपने घरों से बाहर न निकलें,विशेष कर बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति परिजनों को सलाह दी है कि पांच वर्ष तक के बच्चों मे वास्पीकरण की क्रिया अधिक होती हैं।जिस कारण बच्चों का शरीर निर्जलीकरण अधिक”डिहाइड्रेट”हो जाता है और उन्हें लू लग सकता है, वे बीमार पड़ सकतें हैं।ऐसे में अभिभावकों को सलाह दी गई कि उन्हें अपने बच्चों की देखभाल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने आगे बताया कि असहनीय गर्मी में बच्चों को ढीले ढाले सूती वस्त्र ही पहनाएं और बच्चों को बाहर की चीजे खिलाने से परहेज करें। उन्हें फास्ट फूड के सेवन से बचाएं। बच्चों को सुबह/शाम दो बार स्वच्छ ठंढे पानी से जरूर नहलाएं। बच्चा अगर बार बार पीने के लिए पानी मांगे तो समझना चाहिए कि बच्चे के शरीर मे निर्जली करण की क्रिया तेजी से हो रही है। तो ऐसी अवस्था मे तुरंत चिकित्सालय जा कर बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।गर्मी को देखते हुए छोटे बच्चों के डाइपर और लंगोटी का प्रयोग नाम मात्र ही करें।बच्चों को तरल पदार्थ जैसे फलों व सब्जियों के रस का सेवन कराते रहें।जिससे “डिहाइड्रेट” से बचाव हो सके।
प्रदीप बच्चन (संवाददाता)