मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज वसूलने में अनुचित तौर-तरीके अपनाने पर चिंता जाहिर की। कुछ बैंकों और वित्तीय संस्थानों के द्वारा ऐसा करते हुए उन्हें सुधार लाने और अतिरिक्त शुल्क लौटाने को निर्देशित किया। आरबीआई के दायरे में आने वाली वित्तीय संस्थाओं (आरई) को उचित व्यवहार संहिता पर जारी दिशानिर्देशों में कर्ज मूल्य निर्धारण नीति के संबंध में पर्याप्त स्वतंत्रता देने के साथ ब्याज वसूलने में निष्पक्षता और पारदर्शिता की वकालत की गई है।
केंद्रीय बैंक ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी करते हुए आरबीआई के निर्देशों को तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा है। आरबीआई ने इस सर्कुलर में कहा है कि 31 मार्च, 2023 को समाप्त अवधि के लिए विनियमित इकाइयों की भौतिक जांच के दौरान रिजर्व बैंक को ऋणदाताओं की ओर से ब्याज वसूलने में कुछ अनुचित गतिविधियों का सहारा लेने के उदाहरण मिले।
इस संबंध में केंद्रीय बैंक ने दिए ये निर्देश
आरबीआई के फैसले के बाद केंद्रीय बैंक ने सभी इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे कर्ज वितरण के तरीके, ब्याज लगाने और अन्य शुल्कों के संबंध में सुधार करें। जहां जरूरी हो वहां पर बदलाव लायें।
यह है पूरा मामला
रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकों और अन्य कर्जदाताओं की जांच में पाया गया कि कई जगहों पर कर्ज की मंजूरी की तारीख या कर्ज समझौते के निष्पादन की तारीख से ब्याज वसूला जा रहा है, न कि ग्राहक को धन के वास्तविक वितरण की तारीख से। ऐसे भी मामले सामने आए हैं जहां चेक की तारीख से ब्याज वसूला गया जबकि ग्राहक को चेक कई दिनों बाद सौंपा गया।