Pollution in Delhi : सीएक्यूएम ने जताई चिंता

Pollution:  नई दिल्ली। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताते हुए सभी एजेंसियों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) की पाबंदियों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। शुक्रवार को आयोजित समीक्षा बैठक में सीएक्यूएम ने लंबित मामलों पर नाराजगी जताते हुए उल्लंघन के प्रत्येक मामले को तत्काल निपटाने और त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए।

शनिवार को पर्यावरण मंत्रालय ने बताया कि आयोग ने शिकायतों से निपटाने में अधिक सक्रिय दृष्टिकोण की आवश्यकता को रेखांकित किया, क्योंकि मुद्दों को हल करने में देरी भी वायु गुणवत्ता प्रबंधन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन में बाधा डालती है। बैठक में दिल्ली के मुख्य सचिव, पर्यावरण, परिवहन, दिल्ली नगर निगम, यातायात पुलिस, दिल्ली जल बोर्ड, पीडब्ल्यूडी और डीएसआईआईडीसी सहित दिल्ली सरकार के प्रमुख विभागों और एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा सीपीडब्ल्यूडी, एनडीएमसी, एनएचएआई, डीएमआरसी, डीडीए, एनसीआरटीसी और एनबीसीसी जैसे अन्य संगठनों के अधिकारी भी मौजूद थे। आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा कि एजेंसियों को लंबित मामलों को हल करने और अनसुलझे शिकायतों के आगे संचय को रोकने के लिए तत्काल और निर्णायक कार्रवाई की जानी चाहिए। आयोग ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि ग्रैप की पाबंदियों के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने और वायु प्रदूषण नियंत्रण के व्यापक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए समय पर समाधान महत्वपूर्ण है।

बैठक में सड़कों, बाजारों, सार्वजनिक स्थानों आदि पर निजी वाहनों की अनधिकृत एवं बेतरतीब पार्किंग से बचाव के उपायों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया, जिससे वाहनों की भीड़ और प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र व्यवस्था के उल्लंघन सहित उल्लंघनकतार्ओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा गया। बैठक के दौरान यह दृढ़ता से दोहराया गया कि सभी संबंधित विभागों, प्राधिकरणों और एजेंसियों को आयोग द्वारा जारी निदेर्शों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि राजधानी दिल्ली में ग्रैप की पहले और दूसरे चरण की पाबंदियां लागू हैं।

ग्रैप के स्टेज 1 की पाबंदियों में 500 वर्गमीटर से अधिक प्लॉट आकार वाले सी एंड डी प्रोजेक्ट पर प्रतिबंध, बायोमास और नगरीय ठोस अपशिष्ट को खुले में जलाने पर प्रतिबंध, ढाबों और रेस्टोरेंट आदि में तंदूर में कोयला, जलावन लकड़ी पर प्रतिबंध, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को जब्त करना शामिल है। ग्रैप के चरण दो की पाबंदियों में डीजल से चलने वाले जेनरेटरों पर प्रतिबंध है। इसके साथ सड़कों की सफाई में नियमों का पालन कराया जाए । इसमें सड़कों की मशीनीकृत सफाई, पानी का छिड़काव और धूल से राहत के उपायों के लिए एंटी-स्मॉग गन का उपयोग तेज करना शामिल है। डीजी सेटों के उपयोग को कम करने के लिए डिस्कॉम के माध्यम से निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना। पहचाने गए वायु प्रदूषण हॉटस्पॉट पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

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