पटना। जिसके गाने सुनते ही बिहार में दिवाली की शुरूआत होती थी और छठ तक निरंतर उनके गाये हुए गानों के बीच छठ महापर्व का हर एक विधि विधान होता था वो स्वर कोकिला शारदा सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं रहीं। बीती रात दिल्ली के एम्स अस्पताल के वेंटिलेटर पर उन्होंने अंतिम सांस ली। शारदा सिन्हा 72 साल की थीं। जिस छठ मईया के गाए गीत से वे मशहूर हुई उसी पर्व के पहले ही दिन उन्होंने अंतिम सांस ली।
आज बुधवार को सुबह 9ः40 बजे की इंडिगो फ्लाइट से उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जा रहा है। फिलहाल तय कार्यक्रम के अनुसार दोपहर 12 बजे के बाद पटना में पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
इस बीच उनकी बिमारी को लेकर दिल्ली के एम्स अस्पताल ने बताया कि सेप्टिसीमिया (ब्लड इंफेक्शन) की वजह से शारदा सिन्हा की मौत हुई। 26 अक्टूबर को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 3 नवंबर को हालत में सुधार होने पर प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया। लेकिन फिर 4 नवंबर की शाम उनका ऑक्सीजन लेवल कम होने लगा, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था। तब से वे वेटिंलेटर पर ही थी। बीते मंगलवार की रात उन्होंने वेंटिलेटर पर ही अंतिम सांस लिया।
इस बीच काफी अफवाहें भी चली। जिस समय स्वर कोकिला शारदा सिन्हा वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही थी, सोशल मीडिया पर उनकी मृत्यु की खबरें तेजी से वायरल हो रही थी। आखिरकार उनके बेटे अंशुमन सिन्हा को अपनी मां शारदा सिन्हा के फेसबुक पेज पर लाइव आकर यह बताना पड़ा था कि फिलहाल वे जीवित हैं और जिंदगी – मौत के बीच जंग लड़ रही हैं।
सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस… pic.twitter.com/sOaLvUOnrW
— Narendra Modi (@narendramodi) November 5, 2024
शारदा सिन्हा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। महापर्व छठ से जुड़े उनके गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी।